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हिन्दू स्त्रियां मांग में सिंदूर क्यों लगाती हैं ?

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माँग में सिन्दूर लगाना सुहागिन स्त्रियों का सूचक है । हिन्दुओं में विवाहित स्त्रियाँ ही सिन्दूर लगाती हैं । कुंवारी कन्याओं एवम् विधवा स्त्रियों के लिए सिन्दूर लगाना वर्जित है । इसके अलावा सिन्दूर लगाने से स्त्रियों के सौन्दर्य में भी निखार आता है अर्थात् उनकी सुन्दरता बढ़ जाती है । विवाह - संस्कार के समय पर दूल्हा , दुल्हन के मस्तक में मंत्रोच्चार के मध्य पाँच अथवा सात बार चुटकी से सिन्दूर डालता है । तत्पश्चात् विवाह कार्य सम्पन्न हो जाता है । उस दिन से वह स्त्री अपने पति की दीर्घायु लम्बी आयु के लिए प्रतिदिन सिन्दूर लगाती है । माँग में दमकता सिन्दूर स्त्रियों के श्रृंगार का प्रमुख अंग है ।

मनुष्य की आँख का चित्र विभिन्न भागों को प्रदर्शित करते हुए।

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एक्वस चैम्बर काचाभ द्रव कोष्ठ फोविया अंध बिंदु आइरिस कॉर्निया दृक तंत्रिक रेटिना ( दृष्टि पटल ) -मध्य पटल रेटिना पक्ष्माभ काय श्वेत पटल

तंत्रिका कोशिका की संरचना/ tantrika koshika ki sanrachna

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दुम्राक्ष्य ( डेंड्राइट ) निसेल ग्रेन्यूल कोशिकाकाय केंद्रक श्वान कोशिका तंत्रिकाक्ष मायलिन आवरण रेन्वीयर के नोड तंत्रिकाक्ष सिरा सिनेप्टिक पुटिकाएं

मनुष्य की खोपड़ी का चित्र /Manushya ki khopdi ka chitra

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फ्रंटल अस्थि, पैराइटल अस्थि, स्फीनॉयड अस्थि, एथमोयड अस्थि, लैक्रीमल अस्थि, नैथाल अस्थि, टेंपोरल अस्थि, जाइगोमेटिक अस्थि, मैक्सिला अस्थि, ओक्सीपीटल अस्थि, मेंडीबल अस्थि, ओक्सीपीटल कोंडायाल

हमारी पुरानी यादें क्या आपको याद हैं/ old memory/ India old photo and culture

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आम का छिलका / akbar birbal ki kahani

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एक दिन अकबर बादशाह बेगमों के साथ बैठे आम खा रहे थे , बीरबल भी वहाँ उपस्थित था । बादशाह आम खा कर उसकी गुठली और छिलके अपनी बेगम के सामने रखते जा रहे थे । अचानक बीरबल की ओर देख कर मुस्कुराए और बोले देखो बीरबल ! यह बेगम कितनी पेटू है ? मैंने एक आम नहीं खाया और इसने सारे आम खा डाले ! बेगम इस दिल्लगी का उत्तर न दे पाई वह लज्जा से लाल होकर रह गई । उसने बीरबल की ओर देखा । बीरबल चुप न रह सके और बोले - पृथ्वीनाथ ! अपराध क्षमा हो ! बेगम साहिबा अधिक खाती हुई भी छिलके , गुठली तो छोड़ देती है , पर आप तो उन्हें भी नहीं छोड़ते । यह सुन बादशाह चुप रह गए और बेगम प्रफुल्लित हो गई ।